सुबह की धूप ।


सुबह-सुबह का समय , सभी सो कर उठते हैं । वहीं कुछ लोग अपने काम से वापिस घर को आते हैं, और नींद के आलस्य मे सो जाते है । जब वे नींद से जगते हैं , तो उनके लिए सुबह हो गई होती हैं और उनके साथ ही साथ दिन की शुरूआत, और बाकी सभी उन्हीं लोगों की तरह , जैसे सुरज के जगने के साथ जिनकी सुबह की शुरुआत होती हैं । तभी शायद लोगों से मैंने सुना है, "जब जागो तभी सवेरा ।" 




टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

नैतिकता का पतन ।

परीक्षा मे अनुत्तीर्ण

रक्षाबंधन की बधाईयाँ