नैतिकता का पतन ।

व्यक्ति के जीवन मे नैतिक होना और उसका पालन करना अच्छी बात हैं , लेकिन वह सीमा से अधिक होने पर खुद के अंदर गलानी का भाव उत्पन्न करता हैं , और मेरा मानना है इसे नैतिकता का पतन कहते है ।
          ऐसा होना ही  व्यक्ति को ओवर जंटिल कहा जाता हैं , जो कि मै नहीं हूँ और कभी जीवन मे बनना भी नहीं चाहता , इस बारे मे आप सब की क्या राय हैं , क्या आप इससे सहमत हैं, या कोई और मंतव्य रखते हैं , कृप्या साझा करे और मेरे ज्ञान मे बढोतरी करे ।

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